Panchayat Sachivalaya Swayamsevak जुटे विधानसभा घेरने की तैयारी में, 23 फरवरी से फिर होगा घेराव
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Ranchi Desk : राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ (Panchayat Sachivalaya Swayamsevak) ने फिर से झारखंड विधानसभा को घेरने का ऐलान कर दिया है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि 22 फरवरी से पहले उनकी 5 सूत्री मांगों पर विचार करके उनका समाधान नहीं किया गया, तो संघ के सदस्य 23 फरवरी से एक बार फिर विधानसभा का घेराव शुरू कर देंगे।

बता दें कि पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के सदस्य अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार आंदोलन पर हैं। बुधवार को सरस्वती पूजा के अवसर पर भी विभिन्न जिलों के अलग-अलग प्रखंडों से आए संघ के सैकड़ों सदस्य रांची में मौजूद राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे रहे।

Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Protest Continues

पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि संघ की मांगों को लेकर सरकार, मंत्री और संबंधित विभाग की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इसलिए संघ ने 22 फरवरी तक मांगें पूरी न होने की स्थिति में एक बार फिर से विधानसभा का घेराव करने की तैयारी शुरू कर दी है।

इस घेराव में राज्य भर के हजारों पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

उन्होंने बताया कि यदि संघ की मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो आगामी 23 फरवरी से लेकर 2 मार्च तक होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान संघ के सदस्य लगातार विधानसभा का घेराव करेंगे। इस घेराव में राज्य भर के हजारों पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

Panchayat Sachivalaya Swayamsevak News in Hindi

पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि हर Panchayat Sachivalaya Swayamsevak की प्रोत्साहन राशि का ढाई से तीन लाख रुपया बकाया है। इस कारण स्वयंसेवकों को भारी आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। लेकिन सरकार ने आंखें मूंद रखी हैं।

लगभग सभी स्वयंसेवकों और उनके परिवारों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है।

उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाना-लिखाना और पालना-पोसना तक मुश्किल हो चुका है। लगभग सभी स्वयंसेवकों और उनके परिवारों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। पहले भी धरना दिया गया था, लेकिन सरकार ने पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मांगों पर कोई विचार तक नहीं किया।

Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Sangh Jharkhand

चंद्रदीप कुमार ने बताया कि संघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों के संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय, पंचायती राज निदेशक निशा उरांव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे से भी वार्ता की है। लेकिन इन सभी ने केवल आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में किसी भी स्तर पर पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। गरीब स्वयंसेवकों की समस्याओं से किसी को कुछ भी लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की समस्याओं और आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई।

Panchayat Sachivalaya Swayamsevak Demands

बता दें कि पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री की वार्ता, स्वयंसेवकों के लिए निश्चित मानदेय लागू करने, इनकी सेवाएं नियमित करने, इन्हें पंचायती राज विभाग में समायोजित करने तथा पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों का नाम बदलकर पंचायत सहायक करने की मांगों को लेकर संघ के बैनर तले पिछले वर्ष 8 जुलाई से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ था।

इस दौरान संघ के सदस्यों ने विधानसभा का घेराव, मंत्रियों के आवासों के समक्ष नंग-धड़ंग प्रदर्शन आदि के माध्यम से भी सरकार को जगाने का प्रयास किया था। इस बीच संघ के कई सदस्य बीमार भी पड़ गए थे। बाद में विभिन्न स्तरों पर आश्वासन मिलने के बाद पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ ने आंदोलन को स्थगित किया था। अब तक इस आंदोलन को 226 दिन हो चुके हैं।

आज के धरने में संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार और प्रदेश सचिव युगल किशोर प्रसाद के साथ ही मंटू कुमार, आशीष, इम्तियाज, अनिता, आनंद, अमित, नमिता, सूरज, प्रकाश, फिरोज, अफरोज, असगर, रवि, सुमित, संजीत, लीला, रमेश सहित अनेक पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक शामिल रहे।

-अनुवादक न्यूज ब्यूरो


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