इस अक्षय तृतीया Child Marriage की रोकथाम के लिए तैयार झारखंड सरकार
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Ranchi News : झारखंड सरकार 10 मई को अक्षय तृतीया के पर्व को देखते हुए इस दिन बाल विवाहों (Child Marriage) को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके लिए उचित कदम भी उठाए जा रहे हैं। राज्य के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाहों की प्रथा को देखते हुए इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

देश से 2030 तक बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय औसत से अधिक बाल विवाह की दर वाले देश के 257 जिलों में इसके उन्मूलन के लिए जमीन पर काम कर रहे 161 गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन बाल विवाह विवाह मुक्त भारत अभियान ने राज्य सरकार की इस पहल जो राज्य को बाल विवाह मुक्त बना सकती है, का स्वागत करते हुए कहा कि वह इन प्रयासों में हरसंभव सहयोग को तैयार है।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग की अधिसूचना में अधिकारियों को पंचायत और ब्लॉक स्तरों पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। अधिसूचना में बाल विवाह को एक गंभीर मुद्दा बताते हुए इसके तत्काल समाधान की आवश्यकता की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने होंगे और इसकी रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना होगा।

Child Marriage In India

राज्य के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों व संरक्षण सह निषेध अधिकारियों को भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि तात्कालिक कदम के रूप में गांवों में जागरूकता अभियान आयोजित होने चाहिए और इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों, सभी धर्मों के पुरोहितों और पुलिस अफसरों के साथ बड़े पैमाने पर संपर्क करने और उन्हें जागरूक करने की जरूरत है। पत्र में सभी जिलाधिकारियों को आम जनता को जागरूक करने के लिए मीडिया के माध्यम से अभियान चलाने के अलावा पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों और बिना सूचना दिए स्कूल से नदारद चल रहे बच्चों की विद्यालय वार सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

विभाग ने राज्य के सभी मुख्य विवाह पंजीयकों और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के विवाह पंजीयकों को अपने क्षेत्राधिकार में पंजीकृत होने वाले विवाहों की संख्या और उसमें दर्ज दुल्हन की उम्र की जांच व छानबीन के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश भी दिया है। अधिसूचना में कहा गया है, “आवेदकों के आयु प्रमाण के दस्तावेजों से संबंधित किसी भी संदेह के मामले में, इसकी सूचना संबंधित बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) को दी जानी चाहिए। इस संबंध में पंचायतों में पंचायत सचिवों को पहले ही सीएमपीओ नियुक्त किया जा चुका है।”

Child Marriage In Jharkhand

बाल विवाह की कुरीतियों को दूर करने के लिए, झारखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम 2017 (झारखंड अधिनियम संख्या 04, 2018) लागू है। सरकार ने अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने का जिम्मा राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को सौंपा है।

इस वर्ष बाल विवाह पर झारखंड सरकार के सख्त रुख की सराहना करते हुए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के संयोजक रवि कांत ने कहा, “बाल विवाह से निपटने के लिए झारखंड सरकार का बहुआयामी दृष्टिकोण इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिबद्धता और समझ को दर्शाता है। जब राज्य सरकारें ऐसा रुख अपनाएंगी तभी हम इस अपराध को अपने सामाजिक ताने-बाने से प्रभावी ढंग से और तत्काल उखाड़ फेंकने में सक्षम होंगे। झारखंड लगातार इस खतरे से लड़ रहा है और इसके उल्लेखनीय परिणाम भी सामने आए हैं। अक्षय तृतीया के आसपास यह अधिसूचना यह सुनिश्चित करने में सहायक होगी कि बाल विवाह मुक्त झारखंड जल्द ही एक वास्तविकता बन जाए।”

Child Marriage Abolition Act

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर देश में बाल विवाह के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा दर वाले जिलों में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चला रहा है। ये सहयोगी गैरसरकारी संगठन बाल अधिकार कार्यकर्ता भुवन ऋभु की बेस्टसेलर किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन : टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई रणनीतियों और कार्ययोजना को अंगीकार करते हुए उस पर अमल कर रहे हैं।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (एनएफएचएस 2019-21) के आंकड़ों के अनुसार देश में 20 से 24 आयुवर्ग की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था जबकि झारखंड में यह दर 32.2 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है।

-अनुवादक खबर ऑटोमेटेड फीड, मामूली संपादन


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